गुरुवार, 19 अगस्त 2010

Payar Ki Ek Kahni Suno.............

तुम हो तो सब कुछ हें अगर तुम नहीं  तो कुछ नहीं .मेरा दिल भी कितना पागल है जब भी तुम नजर आते ही कि में सिर्फ एक ही  बात सुचता हूँ कि कब तुम हमारे होगे और कब हम तुम को अपनी दुल्हन  बनायेंगे बस पागल दिल कि तुमसे बेपनाह मोहबत करता है और एक तुम हो कि तुम मेरी तरफ  देखती भी नहीं हो मेरा कोई कसूर नहीं है मेने तो तुम से बस पयार किया है सुबह से शाम ढलने मेरे दिमाग में बस तुम हिम तुम हो और एक तुम हो जो मेरा  दर्द सझती नहीं हो . की कास तुम्हे पता होता की में तुम्हे देख नहीं सकता .आज लग रहा है  की तुम मुझसे बहुत दूर चली गयी हो .बस लोट कर आ जाओ तुम  मेरा दिल कह रहा है बस हम तुम ही एक नयी  दुनिया में रहेंगे जलने दो इस ज़माने को इसका क्या ये तो दर्द ही दे सकता  पयार करना इनकी बस की बात नहीं ये तो सिर्फ नफरत पैदा कर सकते है अगर दुनिया में जीना चाहते हो तो पयार से जियो नहीं तो तुम में और जानवर में कोई फर्क नहीं रह  जाता है .मेरी मेहबोबा को किसी ने मुझ से छीन लिया है  आज मानों मेरा एस  दुनिया से सब कुछ चाला गया नहीं जीना मुझे  मर जाना है ये मेरी दिलरुबा अगर मुझे मालूम होतो की तुम मुझे एसे ही छोड़ के चली जाओगी तो में तुम्हे जरुर लेने आता . और फिर  पर्दा गिरता है उसकी दिल रुबा की सादी कर दी जाती है और बो फिर  अँधा  लड़का येंही गलियों में गुम हो जाता है ओर मेरी आंखे आज भी उस लड़के को तलाश करती  है कास की बो लोट कर आता और उसे कोई समझता के जिसको बो पयार करता था बो भी अंधी थी और बो उसके लिए एक ख़त  छोड़ गयी जिसको मेने लिखा था उस ख़त पर लिखा था की काश में तुम्हे  देख पाती |