मेरे प्यारे दोस्त आज में आप लोगो से रूबरू होने जा रहा हूँ अगर कोई त्रुटी हो जाये तो मुझे माफ़ कर देना |
तो अब देर किस बात कि में आपको ले चलता हूँ मेरे गावं जहाँ पर खेतो में फसल पक चुकी है | बैसाखी का महीना शुरु हो चूका है सभी किसान भाई अपने खेतों में लगे हुआ ह .में देख पा रहा हूँ कि बो कितनी मेहनत से ये अनाज पैदा करते है | मन बहुत प्रसन है इन खेतो को देख कर ये धरती माता हमको कितना प्यार करती है | और जब में आगे चलता हूँ दो देख ता हूँ कि यह बही जगह है जहाँ हम कभी खेला करते थे दोस्तों दे लड़ना खेलना और नए नए बिचार लाना | बो बचपन कि यादे हमें मजबूर करती है कि काश बो बचपन फिर से आ जाये और हम अपने प्यारे दोस्तों के साथ खेलें | बो पुराने दिन इन आँखों में आंसु ले आते है और माँ का बो प्यार से गले लगाना भाबी का लड़ना और मेरा बईया से उनकी सिकायत करना के बो दिन हुआ करते थे लिकिन आज में बड़ा हो गया हूँ और फिर से गावं लोट आया हूँ | आज में अपने पुराने दोस्तों से मिलूँगा बो कितने खुश होंगे | और में इनी शब्दों के साथ बिराम लेता हूँ | बहुत जल्दी फिर मिलूँगा ...........
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