मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

mai or mera gawan

मेरे प्यारे दोस्त आज में आप लोगो से रूबरू होने जा रहा हूँ अगर कोई त्रुटी हो जाये तो मुझे माफ़ कर देना |
तो अब देर किस बात कि में आपको ले चलता हूँ मेरे गावं जहाँ पर खेतो में फसल पक चुकी है | बैसाखी का महीना शुरु हो चूका  है  सभी किसान भाई अपने खेतों में लगे हुआ ह .में देख पा रहा हूँ कि बो कितनी मेहनत से ये अनाज पैदा करते है | मन बहुत प्रसन है इन खेतो को देख कर ये धरती  माता हमको कितना प्यार करती है | और जब में आगे चलता हूँ दो देख ता  हूँ कि यह बही जगह है  जहाँ हम कभी  खेला करते थे दोस्तों दे लड़ना खेलना और नए नए बिचार लाना | बो बचपन कि यादे हमें मजबूर करती है  कि काश बो बचपन फिर से आ जाये और हम अपने प्यारे दोस्तों के साथ  खेलें | बो पुराने दिन इन आँखों में आंसु ले आते है और माँ का बो प्यार से गले लगाना भाबी का  लड़ना और मेरा  बईया  से उनकी सिकायत करना के बो दिन हुआ करते थे लिकिन आज में बड़ा हो गया हूँ और फिर से गावं लोट आया हूँ | आज में अपने पुराने दोस्तों  से मिलूँगा बो कितने खुश होंगे | और में इनी शब्दों  के साथ बिराम लेता हूँ | बहुत जल्दी फिर मिलूँगा ...........

गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

lo me bapas a hi gaya

मेरे दोस्तों लो में बापस आ ही गया आपके मना करने पर भी में नहीं माना मुझे बहुत आनंद आ रहा ह
तो हम चल ते एक नहीं दुनिया  में जहाँ रोमांच और भी बहुत कुछ तो हो जाओ तेयार मेरे साथ sair सपाटा पर  जाने को |

बुधवार, 7 अप्रैल 2010

मेरा सभी भाइयों को प्यार भरा नमस्कार |
लो अब हुने भी ब्लॉग लिखना सुरु कर दिया हें | और अब में अब लोगो से मुखातिब होता रहूँगा |
और अब लोगो को नई जानकारी देता रहूँगा | फिर हम और आप एक नई दुनिया में प्रबेश करेंगे |
और  में अप्प लोगो से प्राथना करूँगा कि आप लोग मेरा ब्लॉग पड़े और मुझे नही लिखने के लिए प्रोत्साहित करे
धन्यवाद |